नीरज चोपड़ा की जीवनी
टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने अपने पहले प्रयास में 87.03 मीटर, दूसरे प्रयास में 87.58 (अब तक का बेहतरीन थ्रो) और तीसरे प्रयास में 76.79 मीटर भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस कारण भारत को करीब 13 साल बाद एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल मिला, जिसका श्रेय #गोल्डन_बॉय नीरज चोपड़ा को दिया जाता है।
आपको बता दें कि नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में अपने फाइनल क्वालीफाई मैच के लिए भाला फेंक के पहले ही प्रयास में 83.50 मीटर की दूरी को पार करके 86.65 मीटर भाला फेंककर एक नया इतिहास रच दिया था। तभी से भारतीयों को उनसे मेडल की उम्मीद जग गई थी। तो चलिए अब हम नीरज चोपड़ा के बारे में विस्तार से बात करते हैं, कि आखिर कैसे शुरू हुआ उनका हरियाणा से लेकर टोक्यो ओलंपिक तक का सफर?
विषय सूची
1. नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय - NeerajChopra Ka Jivan Parichay
2. नीरज चोपड़ा से जुड़े अन्य रोचक तथ्य
4. नीरज चोपड़ा की अन्य उपलब्धियां
5. नीरज चोपड़ा से क्यों थी देश को गोल्ड मेडल की उम्मीद?
6. ओलंपिक के अंतिम मैच को लेकर नीरज चोपड़ा का क्या था कहना?
नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय – Neeraj
Chopra Ka Jivan Parichay
24 दिसंबर वर्ष 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खंडार गांव में एक बेहद ही गरीब परिवार में नीरज चोपड़ा का जन्म हुआ था। इन्होंने स्नातक की डिग्री डीएवी कॉलेज से हासिल की है। आपको बता दें कि नीरज खेलों के साथ-साथ पढाई में भी हमेशा अव्वल रहे।
इनके पिता का नाम सतीश कुमार चोपड़ा है। जोकि एक किसान है। इनकी माता का नाम सरोज देवी है। वह एक ग्रहणी है। नीरज के पांच भाई-बहन हैं। नीरज जब मात्र 11 साल के थे, तब उनका वजन 80 किलोग्राम हुआ करता था। जिस पर सब इन्हें प्यार से सरपंच कहकर पुकारते थे।
लेकिन परिवार वाले नीरज के अधिक बढ़े हुए वजन से काफी परेशान रहा करते थे, ऐसे में नीरज को खेलों में भाग लेने के लिए कहा गया। कहते हैं कि तभी से नीरज ने भाला फेंक में रुचि लेना आरंभ कर दिया। जिसके लिए उन्होंने अपना काफी वजन भी कम किया था।
हालांकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। ऐसे में उनके चाचा और पिता ने मिलकर उनको एक सस्ता भाला दिलाया था। जिससे ही अभ्यास करके नीरज ने खुद को भाला फेंक के खेल में निपुण बना लिया था।
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आरंभ में नीरज चोपड़ा हरियाणा के ही एक एथलीट जय चौधरी को देखकर भाला फेंक का अभ्यास किया करते थे। बाद में उन्होंने शिवाजी स्टेडियम में निरंतर अभ्यास करना आरंभ कर दिया।
हालांकि साल 2012 में उनकी कलाई टूट जाने की वजह से उन्हें भाला फेंक के खेल में काफी परेशानी हुई थी, लेकिन कड़ी मेहनत और अभ्यास से उन्होंने खुद को दुबारा भाला फेंक के खेल में मजबूत बना लिया।
फिर वर्ष 2018 तक नीरज चोपड़ा ने पंचकुला स्थित ताऊ देवी लाल स्टेडियम में स्पोर्टस अथॉरिटी
ऑफ इंडिया (SAI) के नेतृत्व में अपने भाला फेंक की ट्रेनिंग पूरी की। इसके साथ ही जब नीरज चोपड़ा ने पोलैंड में हुई जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता, तब उनको भारतीय सेना में नौकरी मिल गई।
जिसके बाद भी नीरज चोपड़ा ने अपने भाला फेंक के अभ्यास को जारी रखा। जिसके परिणामस्वरूप नीरज चोपड़ा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अच्छे एथलीट के रूप में पहचाने जाने लगे।
नीरज चोपड़ा से जुड़े अन्य रोचक तथ्य
1. नीरज चोपड़ा एक संयुक्त परिवार में रहते हैं। इनके परिवार में कुल 19 सदस्य हैं। जिनमें नीरज चोपड़ा समस्त भाई बहनों में सबसे बड़े हैं।
2. वह मिल्खा सिंह, कृष्णा पूनिया और विकास गौड़ा के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले चौथे ट्रैक और फील्ड खिलाड़ी माने जाते हैं।
3. नीरज चोपड़ा को भाला फेंक के प्रति जुनून एक रिटायर्ड चेक ट्रैक और फील्ड खिलाड़ी जेन जेलेजनी की यूट्यूब वीडियोस देखकर आया था।
4. वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप 2016 में स्वर्ण पदक जीतने के बाद नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना __ में बतौर जूनियर कमीशन्ड अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया है।
5. नीरज चोपड़ा world
level championship में स्वर्ण पदक जीतने वाले अंज बार्बी जॉर्ज के
बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।
6. नीरज को बाइक राइडिंग का काफी शौक है। साथ ही पंजाबी गानों को भी सुनना नीरज बहत
पसंद करते हैं।
7. नीरज को गोलगप्पे बहुत प्रिय हैं। साथ ही वह कभी-कभार खेल में चुस्ती फुर्ती बनाए रखने के लिए मांसाहार का भी सेवन किया करते हैं।
8. इनके लंबे बालों की वजह से सोशल मीडिया और अपने फैंस के बीच में नीरज मोगली के नाम
से जाने जाते हैं।
9. साल 2015 के बाद से नीरज चोपड़ा ने पर्सनल कोच के नेतृत्व में भाला फेंक का अभ्यास जारी रखा। एक इंटरव्यू के दौरान नीरज ने बताया था कि कोरोना काल में वह यूट्यूब पर वीडियो देखकर भाला फेंक का अभ्यास किया करते थे।
10. साल 2018 में एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए नीरज को अर्जुन
पुरस्कार दिया गया था।
11. बात की जाएं नीरज चोपड़ा की नेट वर्थ की, तो वह वर्तमान में करीब 5 मिलियन डॉलर है।
12. नीरज चोपड़ा के कोच विदेशी नागरिक उवे होन (जर्मनी ट्रैक और फील्ड एथलीट) हैं। हालांकि
आरंभ में इन्होंने कोच नसीम अहमद से भाला फेंक का प्रशिक्षण लिया था, जिन्होंने ही नीरज की प्रतिभा को सर्वप्रथम पहचाना था।
13. इनकी वर्ल्ड रैंकिंग 4 है और इनकी लंबाई 5 फुट 10 इंच है।
14. नीरज चोपड़ा हिंदी रोर मराठा जाति के अंतर्गत आते हैं।
15. Asian games में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा पहले खिलाड़ी है। साथ ही कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण जीतने वाले नीरज दूसरे नंबर के खिलाड़ी हैं।
नीरज चोपड़ा की उपलब्धियां
- U-16 national junior championship
2012: साल 2012 में लखनऊ में आयोजित हई जूनियर चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने 68.46 मीटर तक भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता था।
- National youth championship 2013: इस प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा ने दूसरा स्थान प्राप्त करके वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया था। इस दौरान उन्हें रजत पदक मिला
- Inter University championship 2015: इस चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने 81.04 मीटर तक भाला फेंककर एक रिकॉर्ड स्थापित किया था।
- World junior championship 2016: मात्र 18 वर्ष की उम्र में नीरज चोपडा ने वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप 2016 पोलैंड में 86.48 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर अंडर-20 का खिताब जीतकर गोल्ड अपने नाम कर लिया था।
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- South asian games 2016: दक्षिण एशियाई खेलों (गुवाहाटी) में भी नीरज चोपड़ा ने 82.23 मीटर का भाला फेंककर राष्ट्रीय रिकॉर्ड दर्ज करते हुए गोल्ड जीता था।
- Asian athletics championship 2017: नीरज ने वर्ष 2017 में हुई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता था।
- Commonwealth games 2018: नीरज चोपड़ा ने 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 86.47 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
- Zakarta Asian games 2018: एशियन गेम्स में भी नीरज चोपड़ा ने 88.07 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर राष्ट्रीय स्तर पर रिकॉर्ड बनाया था। इस दौरान भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया था।
- IAAF continental Cup 2018: इस दौरान उन्होंने 6वां स्थान हासिल किया था। क्योंकि इस मैच के दौरान उनके खेल में कई प्रकार की तकनीकी खामियां सामने आई थीं। जिसके बाद नीरज चोपड़ा ने klaus Bartonietz के निर्देशन में अपना अभ्यास शुरू किया था।
- World athletics championship 2019: साल 2018 में हुई हाथ की सर्जरी के कारण वह इस प्रतियोगिता में भाग लेने से चूक गए थे।
- ACNW league meet 2020: इस दौरान नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 87.86 मीटर तक भाला फेंककर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया था।
- Meeting Cidade de lisboa 2021: जून 2021 में पुर्तगाल में हुए मीटिंग सिडडे डी लिस्बोआ टूर्नामेंट में भी नीरज ने गोल्ड जीता था।
- Tokyo olympic: इसके फाइनल क्वालीफाई राउंड में नीरज ने 86.65 मीटर तक भाला फेंककर ओलंपिक में अपना स्थान पक्का कर लिया था। इसी दौरान उन्होंने वर्ल्ड चैंपियन जोहासन वेटर को भी हराया था। और अंतिम मैच में इन्होंने जाकब वेसलेज्च को हराकर गोल्ड मेडल जीत लिया।
नीरज चोपड़ा की अन्य उपलब्धियां
- वर्ष 2018 में नीरज चोपड़ा के कंधे पर चोट भी लग गई थी। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने सर्जरी कराने के बाद इंडियन ग्रॉ प्री 3 में अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ते हुए 88.07 मीटर तक भाला फेंका। नीरज चोपड़ा ने पटियाला (पंजाब) में भी भाला फेंक में 88.07 मीटर तक का राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
- ऐसे में हम कह सकते हैं कि नीरज चोपड़ा ने अपने हर खेल से जहां भी उन्हें निराशा या हार मिली, उन्होंने उससे सीखकर आगे बेहतर करने का सदैव प्रयास किया।
- साथ ही इतने सारे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के रिकॉर्डों को अपने नाम करने के बाद भी नीरज को 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में प्रतिभाग करने का अवसर नहीं मिल पाया था। क्योंकि उन्होंने जब रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई थ्रो किया था, तब तक ओलंपिक में क्वालीफाई करने की अंतिम तारीख निकल चुकी थी।
- ऐसे में इस बार टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने अपने पहले ही मैच के दौरान यह साबित कर दिया था कि वह इस बार पूर्ण निष्ठा और आत्मविश्वास के साथ गोल्ड मेडल लेने मैदान में उतरे हैं। जिसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और ईमानदारी से अभ्यास भी किया था।
- अंततः नीरज चोपड़ा अभिनव बिंद्रा के बाद दूसरे ऐसे भारतीय बन गए हैं, जिन्होंने एथलेटिक्स (भाला फेंक) में गोल्ड मेडल जीता है।
नीरज चोपड़ा से क्यों थी देश को गोल्ड मेडल की उम्मीद?
- अभी तक भारत को टोक्यो ओलंपिक में किसी भी खेल में गोल्ड प्राप्त नहीं हआ था। ऐसे में भाला फेंक में नीरज चोपड़ा के फाइनल क्वालीफाई करते ही देश और समस्त देशवासियों को उनसे मेडल की उम्मीद बंध गई।
- जिसके पीछे का कारण यह है कि ओलंपिक में प्रतिभाग करने के लिए नीरज चोपड़ा ने पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में हई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 87.86 मीटर (85 सीमा तय) की दूरी तक भाला फेंका था। जिसके बाद ही वह ओलंपिक के लिए चुने गए।
- जबकि नजर डालें तो मालूम चलेगा कि रियो ओलंपिक 2016 के दौरान जिसने (वाल्कॉट) भाला फेंक में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था, उनका रिकॉर्ड 85.38 मीटर है। ऐसे में कहा गया कि यदि नीरज चोपड़ा अपने हाल ही में बनाए गए 88.07 मीटर के रिकॉर्ड को दोहरा दें, तो टोक्यो ओलंपिक में उनको पदक जीतने से कोई नहीं रोक सकता और उन्होंने यह साबित कर दिखाया।
- जानकारी के लिए आपको बता दें कि ओलंपिक में अब तक का रिकॉर्ड सबसे शानदार javelin throw 90.57 मीटर है। जिसको अभी तक कोई खिलाड़ी पार नहीं कर पाया है।
ओलंपिक के अंतिम मैच को लेकर नीरज चोपड़ा का क्या था कहना?
टोक्यो ओलंपिक में अपने पहले ही प्रयास से भाला फेंक के ग्रप A में उम्दा प्रदर्शन करने के बाद भारतीय खिलाडी नीरज चोपडा का कहना है कि यह मेरे द्वारा खेला जा रहा पहला ओलंपिक है। इसलिए मैं काफी अच्छा महसूस कर रहा हूं।
हालांकि भाला फेंक में शुरुआती वॉर्म अप के दौरान मेरा प्रदर्शन काफी अच्छा नही था। लेकिन फाइनल के लिए मैंने क्वालीफाइंग राउंड में बेहतर किया। अब फाइनल मैच के लिए मैं पहले से बेहतर थ्रो करूंगा। जिसके लिए मुझे शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को पहले की अपेक्षा और मजबूत बनाना होगा।
ऐसे में जब नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया। तब उन्होंने अपनी इस जीत को दिवंगत मिल्खा सिंह के नाम समर्पित करते हए चंद पंक्तियां कहीं कि....
जब सफलता की ख्वाइश आपको सोने न दे,
जब मेहनत के अलावा और कुछ
अच्छा न लगे,
जब लगातार काम करने के बाद
आपको थकावट न हो,
समझ
लेना सफलता का नया
इतिहास रचने वाला है।
अब जब नीरज चोपड़ा ने जो कहा था, उसे पूरा कर दिखाया। यानि जब नीरज चोपड़ा ने अपनी माटी का कर्ज चुका दिया और टोक्यो ओलंपिक में तिरंगा लहरा दिया। तब ऐसे में हरियाणा सरकार ने उन्हें प्रथम श्रेणी की नौकरी, रियायती जमीन और 6 करोड़ रुपए बतौर इनाम देने की घोषणा की है।
साथ ही भारतीय रेलवे ने नीरज को 3 करोड़ रुपए, मणिपुर सरकार ने 1 करोड़ रुपए, पंजाब सरकार ने 2 करोड़ रुपए, इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने 75 लाख रुपए और बीसीसीआई ने नीरज चोपड़ा को 1 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है।
इसके साथ ही Mahindra company द्वारा नीरज चोपड़ा को XUV 700 दी जाएगी। नीरज चोपड़ा को पंचकूला में बनाए जा रहे एथलीट्स सेंटर का हेड बनाने की बात भी कही गई है।
इस प्रकार, नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर सदैव के लिए अपना नाम खेलों के इतिहास में अमर कर लिया है। ऐसे ही हम आशा करते हैं कि नीरज चोपड़ा आगे भी अपने खेल में शानदार प्रदर्शन करके भारतीयों को उन पर गर्व करने का मौका अवश्य देंगे।
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