Self-Discipline-बढ़ने-के-10-तरीके-Hindi-Sulekhak

 

"व्यक्ति अगर तब भी अपना कार्य बेहतर ढंग से करता है, जब उसे कोई देख नहीं रहा होता है। समझिए वह आत्म अनुशासित है"

 

 

आत्म अनुशासन (Self discipline) से तात्पर्य किसी व्यक्ति द्वारा अपनी आत्मा और मन को अनुशासन में रखना होता है। यानि जब भी कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को पाने के लिए अनुशसित जीवनशैली अपनाता है। तब ऐसे व्यक्ति को हम आत्म अनुशासित कहते हैं।

 

आत्म अनुशासन ही व्यक्ति का परिचय उसके वास्तविक उद्देश्य से कराता है और इसके कारण ही व्यक्ति को जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि व्यक्ति के व्यक्तिगत और वास्तविक जीवन में आत्म अनुशासन का विशेष महत्व होता है।

 

जोकि व्यक्ति के भीतर नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करके उसे दृढ़ निश्चयी बनाता है। आत्म अनुशासन व्यक्ति का ध्यान इधर-उधर से हटाकर एक जगह स्थिर करने में भी मदद करता है। ऐसे में आज हम आपको उन उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन पर अमल करके आप भी एक आत्म अनुशासित जीवन जी सकते हैं।

 

विषय सूची

हर दिन को उपयोगी बनाएं

आने वाले कल के लिए दूरदर्शी बनें

छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित करें

ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहें

अपनी कमजोरी पहचानें

जवाबदेही लोगों को अपना साथी बनाएं

गुस्से पर नियंत्रण रखें

लक्ष्यों को अपने सामने रखें

प्राथमिकता निर्धारित करें

चुनौतियां स्वीकार करें

 

हर दिन को उपयोगी बनाएं

मानव जीवन का प्रत्येक दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए उसे अपने हर दिन को कीमती समझना चाहिए। हालांकि हममें से अधिकतर लोग दिन के 24 घंटों में से आधा समय सोने में निकाल देते हैं, बाकी कुछ समय दिनचर्या के जरूरी कार्यों को करने में निकल जाता है।

 

ऐसे में हमारे पास दिन के कुछ ही घंटे उपयोगी बचते हैं, इसलिए हमें हमेशा जरूरी कार्य करने के लिए निकाले गए समय का सदुपयोग करना चाहिए। इस दौरान कभी भी अपने उपयोगी समय और उस समय पर किए जाने वाले कार्य को कल पर नहीं टालना चाहिए।

 

ऐसा करने पर ही आप अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही यदि हम प्रतिदिन अपने जरूरी कार्यों को समयानुसार पूर्ण कर लेते हैं, तब हम निश्चित ही एक आत्म अनुशासित दिनचर्या का पालन कर पाने में सफल हो पाते हैं।

 

आने वाले कल के लिए दूरदर्शी बनें

भविष्य की संभावनाओं को लेकर जो व्यक्ति हमेशा सजग रहता है, वह निश्चित ही सफलता हासिल करता है। ऐसा व्यक्ति दूरगामी सोच रखते हुए केवल आत्म अनुशासित जीवन ही जीता है। जिसके

 

परिणामस्वरूप वह भविष्य में होने वाली घटनाओं पर वर्तमान में काम करते हुए आगे बढ़ता है।

अर्थात् दूरदर्शिता अपनाते हुए भविष्य के लिए तैयार रहता है। साथ ही वह जीवन में महत्वकांक्षाओं के साथ आगे अपने लक्ष्य में विस्तार करता है, जिससे वह निश्चित तौर पर ही अपना लक्ष्य हासिल कर लेता

 

छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित करें

आत्म अनुशासित जीवन जीने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति अपने बड़े सपनों को छोटे-छोटे लक्ष्यों में बांट ले। यानि यदि आप भी अपने जीवन में कुछ बड़ा पाने की चाह रखते हैं, तो पहले छोटी-छोटी उपलब्धियों पर गौर करना सीखिए।

 

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यह सत्य है कि बड़े लक्ष्यों की अपेक्षा छोटे उद्देश्य आसानी से पूरे किए जा सकते हैं।इसलिए बड़े लक्ष्यों को पाने की कोशिश में व्यक्ति को छोटे उद्देश्यों को पूरा करने पर भी ध्यान देना चाहिए। जोकि व्यक्ति के आत्म अनुशासन को बढ़ाने में मदद करता है।

 

ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहें

वर्तमान गैजेट्स के जमाने में आत्म अनुशासित जीवन जीना काफी मुश्किल कार्य है, लेकिन यह असंभव नहीं है। आजकल युवा अपना अधिकतर समय स्मार्ट फोन, सोशल मीडिया और टीवी इत्यादि के साथ व्यतीत करके उसे बर्बाद कर रहे हैं।

 

ऐसे में, आपको अपने लक्ष्य से भटकाने के लिए फोन का एक नोटिफिकेशन भी काफी है। इसलिए हो सके तो फोन का आदी ना होकर उसे अपने आवश्यक उपयोग के लिए ही इस्तेमाल करें। इसके साथ ही अन्य चीजें जो आपका लक्ष्य से ध्यान हटा रहीं है, उन्हें जल्द से जल्द अपने पास से हटा दें। तभी आप एक आत्म अनुशासन से परिपूर्ण लक्ष्य प्राप्त कर सकेंगे।

 

साथ ही कार्य करने के दौरान ऐसी सभी रुकावटों को खुद से दूर रखें, जो आपके कीमती समय को भी नष्ट कर रही हैं। तभी आप जीवन में सफलता हासिल कर पाएंगे।


अपनी कमजोरी पहचानें

जो व्यक्ति अपनी कमजोरी पहचानकर उसे दूर करने का प्रयास करता है। वह व्यक्ति कभी भी अपना जीवन अनुशासन से परे नहीं व्यतीत करता है। क्योंकि वह जानता है कि अपनी कमजोरी पर विजय पाकर ही हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए जिस व्यक्ति को आत्म अनुशासन बनाए रखना है, उसे अपनी कमजोरी का पता लगाकर उसे दूर करना होगा।

 

जब हम अपनी कमजोरियों की पहचान करके उनसे लड़ते हैं, तब असल में हम आत्म अनुशासित होकर जीवन व्यतीत कर रहे होते हैं। इस प्रकार, ईमानदारी से अपनी कमियों को खोजकर उन्हें दूर करना आत्म अनुशासन बनाए रखने की उपायों के अंतर्गत ही आता है।

 

जवाबदेही लोगों को अपना साथी बनाएं

अगर आपके आसपास ऐसे लोग हैं जो आपके कार्यों और विचारों के प्रति सदा जवाबदेही रहते हैं, तो आप जरूर ही एक आत्म अनुशासित जीवन जी सकेंगे। एक जवाबदेही साथी आपके जीवन में सदैव सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत होता है। वह तब तक आपकी हां में हां नहीं मिलाता है, जब तक आप अपने निश्चित उद्देश्य को प्राप्त नहीं कर लेते हैं।

 

दुसरा, हमें स्वयं भी अपने लक्ष्यों के प्रति जवाबदेह बनना चाहिए, जिससे जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है। ठीक उसी प्रकार से, आपका सच्चा मित्र भी आपको हमेशा मोटिवेट करने का कार्य करता है, वह आपको आपके उद्देश्य के लिए जागरूक करता है और लक्ष्य निर्धारण या उसके क्रियाकलाप में हमेशा आपकी मदद करता है।

 

जिससे आप आत्म अनुशासन में रहकर अपनी जिंदगी को एक बेहतर रास्ते पर ले जाने का प्रयास कर सकते हैं।

 

गुस्से पर नियंत्रण रखें

जिन लोगों को विपरित परिस्थितियों या किसी अन्य के द्वारा उकसाए जाने पर भी गुस्सा नहीं आता है, वह लोग आत्म अनुशासित होते हैं। ऐसे में यदि आपको जीवन में वास्तविक सफलता हासिल करनी है, तो अपने गुस्से पर काबू पाना होगा।

 

इसके लिए आपको अनावश्यक चीज़ों पर ध्यान देना बंद करना होगा। इसके साथ ही उन्हीं चीज़ों को तवज्जो दें, जोकि आपके व्यक्तित्व निर्माण के लिए आवश्यक होती हैं।

 

लक्ष्यों को अपने सामने रखें

यदि आपको अपने लक्ष्य को पाना है, तो अपने उद्देश्य को हमेशा अपनी नजरों के सामने रखें। साथ ही उसे पाने के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहें। तभी आप आत्म अनुशासन में रहकर अपना जीवन व्यतीत कर पाएंगे। इसके अलावा, यदि आप अपने लक्ष्य या उद्देश्य के बारे में प्रतिदिन सोचेंगे, तो उसको पाने की ओर जरूर अग्रसरित होंगे।

 

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क्योंकि आप जिसके बारे में दिनभर विचार करते हैं, वह आपको अवश्य ही स्मरण रहता है। इसलिए जीवन में आत्म अनुशासन पाने के लिए व्यक्ति का अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखना आवश्यक है।

 

प्राथमिकता निर्धारित करें

आपके जीवन के लिए क्या जरूरी है? इसका निर्धारण तभी किया जा सकता है। जब आपने अपने जीवन की प्राथमिकता को निर्धारित कर रखा है। यानि आप यह भली भांति जानते हैं कि आपके लिए क्या आवश्यक है? क्योंकि किसी व्यक्ति को जीवन में सफल होने के लिए क्या जरूरी है।

 

अगर उसको यह मालूम है, तब वह आत्म अनुशासन में रहकर अवश्य ही लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ सकता है।

 

चुनौतियां स्वीकार करें

जो व्यक्ति अपने जीवन में सदा चुनौतियों का सामना करता है। वह जीवन में हर परिस्थिति का सामना करने के योग्य हो जाता है। ऐसे व्यक्ति को कभी भी विफलता उसके मार्ग से विचलित नहीं कर पाती है। इसलिए यदि आप भी जीवन में आत्म अनुशासन पाना चाहते हैं, तो जीवन में आने वाली परेशानियों को एक अवसर समझकर उसको सुलझाने का प्रयास करें।

 

तभी आप जीवन में अपने निर्धारित लक्ष्य को आत्म अनुशासित होकर पा सकेंगे। क्योंकि प्रतिकूल परिस्थितियों में रहकर ही व्यक्ति जीवन की कठिनाइयों को आसानी से पार कर लेता है और उनसे निपटने की क्षमता उसमें अन्य लोगों की तुलना में अधिक होती है।


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