आंध्र प्रदेश के जिले एवं महत्वपूर्ण तथ्य | Hindi_Sulekhak

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आंध्र प्रदेश के जिले

आंध्र प्रदेश में 13 जिले है, और आंध्र प्रदेश में गांव की संख्या में 28293। आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद अब आंध्र प्रदेश भारत का सातवां सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से दसवां सबसे बड़ा राज्य है, वर्तमान में इसकी राजधानी अमरावती है और सबसे बड़ा नगर विशाखापट्नम है, तेलंगाना के अलग होने से पहले सबसे बड़ा नगर और राजधानी हैदराबाद थी, 22 अक्टूबर, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरावती में नई राजधानी के निर्माण के लिए बुनियाद रखी. ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आंध्रपथ, आंध्रदेस, आंध्रवाणी और आंध्र विषय के रूप में जाना जाता था।

 

आंध्र प्रदेश के पडोसी राज्य एवं जिले

आंध्र प्रदेश भारत के राज्यों में एक समुद्र तटीय राज्य है, इसकी पूर्वी तट रेखा बंगाल की खाड़ी को पूर्णरूपेण स्पर्श करती है, आंध्र प्रदेश के सीमान्त जिलों को उत्तर में ओडिशा के जिले और छत्तीसगढ़ के जिले स्पर्श करते है, उत्तर पश्चिम में तेलंगाना के जिले स्पर्श करते है, जबकि पश्चिम में कर्णाटक के जिले स्पर्श करते है और दक्षिण में तमिलनाडु के जिले स्पर्श करते है, इस प्रकार आंध्र प्रदेश तीन तरफ से भारतीय रज्यो से और तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है।

 

आंध्र प्रदेश के जिले एवं मुख्यालय है

क्र.सं.

जिला का नाम

जिला मुख्यालय

1

अनंतपुर जिला

अनंतपुर

2

चित्तूर जिला

चित्तूर

3

पूर्व गोदावरी जिला

काकीनाडा

4

गुंटूर जिला

गुंटूर

5

कडपा जिला

कडपा

6

कृष्णा जिला

मछलीपट्टनम

7

कुरनूल जिला

कुरनूल

8

प्रकाशम जिला

ओंगोल

9

श्री पोट्टी श्रीरामुलु नेल्लोर

नेल्लोर

10

श्रीकाकुलम जिला

श्रीकाकुलम

11

विशाखापत्तनम जिला

विशाखापत्तनम

12

विजयनगरम जिला

विजयनगरम

13

पश्चिम गोदावरी जिला

एलुरु

 

आंध्र प्रदेश के जिलें एवं जनसंख्या

क्र.सं.

जिला का नाम

जनसंख्या (2011)

1

अनंतपुर जिला

4083315

2

चित्तूर जिला

4170468

3

पूर्व गोदावरी जिला

5151549

4

गुंटूर जिला

4889230

5

कडपा जिला

2884524

6

कृष्णा जिला

4529009

7

कुरनूल जिला

4046601

8

प्रकाशम जिला

3392764

9

श्री पोट्टी श्रीरामुलु नेल्लोर

2966082

10

श्रीकाकुलम जिला

2699471

11

विशाखापत्तनम जिला

4288113

12

विजयनगरम जिला

2342868

13

पश्चिम गोदावरी जिला

3934782

 

सर्वाधिक साक्षरता वाले आंध्र प्रदेश के जिले

क्र.सं.

जिला का नाम

साक्षरता

1

पश्चिम गोदावरी

74.63

2

कृष्णा

73.74

3

चित्तूर

71.53

4

पूर्वी गोदावरी

70.99

 

सर्वाधिक जनसँख्या वाले आंध्र प्रदेश के जिलों के नाम

क्र.सं.

जिला का नाम

जनसंख्या (2011)

1

पूर्वी गोदावरी

5154296

2

गुंटूर

4887813

3

कृष्णा

4517398

4

विशाखापत्तनम

4290589

5

चित्तूर

4174064

6

अनंतपुर

4081148

7

कुरनूल

4053463

 

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सर्वाधिक लिंगानुपात वाले आंध्र प्रदेश में कितने जिले है

क्र.सं.

जिला का नाम

लिंग अनुपात

1

विजयनगरम

1019

2

श्रीकाकुलम

1015

3

विशाखापत्तनम

1006

4

पूर्वी गोदावरी

1006

5

पश्चिम गोदावरी

1004

6

गुंटूर

1003

 

सबसे अधिक विकास दर वाले आंध्र प्रदेश के जिले

क्र.सं.

जिला का नाम

विकास दर

1

कुरनूल

14.85%

2

अनंतपुर

12.10%

3

विशाखापत्तनम

11.96%

4

चित्तूर

11.43%

5

प्रकाशम

11.05%

6

श्री पोट्टी श्रीरामुलु (नेल्लोर)

11.05%

7

वाईएसआर

10.79%

 

सबसे ज्यादा भूमि क्षेत्रफल वाले आंध्र प्रदेश के जिलों के नाम

क्र.सं.

जिला का नाम

क्षेत्र (वर्ग किमी)

1

अनंतपुर

19130

2

कुरनूल

17658

3

प्रकाशम

17626

4

वाईएसआर

15359

5

चित्तूर

15152

6

श्री पोट्टी श्रीरामुलु (नेल्लोर)

13076

7

गुंटूर

11391

8

विशाखापत्तनम

11161

9

पूर्वी गोदावरी

10807

 

सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाले आंध्र प्रदेश के जिलें

क्र.सं.

जिला का नाम

घनत्व (/ वर्ग किमी)

1

कृष्णा

519

2

पश्चिम गोदावरी

508

3

पूर्वी गोदावरी

477

4

श्रीकाकुलम

462

5

गुंटूर

429

 

आन्ध्र प्रदेश का  इतिहास

आंध्र राज्य से आंध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया। फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी। तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश (सीमांन्ध्र) में 13 जिले होंगे। दस साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी।

 

चंद्रगुप्त मौर्य (.पू. 322-297) के न्यायालय का दौरा करने वाले मेगस्थनीस ने उल्लेख किया है कि आंध्र देश में 3 गढ़ वाले नगर और 100,000 पैदल सेना, 200 घुड़सवार फ़ौज और 1000 हाथियों की सेना थी। बौद्ध पुस्तकों से प्रकट होता है कि उस समय आंध्रवासियों ने गोदावरी क्षेत्र में अपने राज्यों की स्थापना की थी। अपने 13वें शिलालेख में अशोक ने हवाला दिया है कि आंध्रवासी उसके अधीनस्थ थे

 

औपनिवेशिक भारत में, उत्तरी सरकार ब्रिटिश मद्रास प्रेसिडेंसी का हिस्सा बन गए। अंततः यह क्षेत्र तटीय आंध्र प्रदेश के रूप में उभरा. बाद में निज़ाम ने ब्रिटिश को पांच क्षेत्र सौंपे, जो अंततः रायलसीमा क्षेत्र के रूप में उभरा. निज़ाम ने स्थानीय स्वायत्तता के बदले में ब्रिटिश शासन को स्वीकार करते हुए विशाल राज्य हैदराबाद के रूप में आंतरिक प्रांतों पर नियंत्रण बनाए रखा. इस बीच फ़्रांसीसियों ने गोदावरी डेल्टा में यानम (यानौं) पर क़ब्जा किया और (ब्रिटिश नियंत्रण की अवधि को छोड़ कर) 1954 तक उसे अपने अधीन रखा.

 

1947 में ब्रिटिश साम्राज्य से भारत स्वतंत्र हुआ. हैदराबाद के मुसलमान निज़ाम ने भारत से अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहा, मद्रास राज्य के तेलुगू लोगों के हितों की रक्षा के लिए, अमरजीवी पोट्टी श्रीरामुलु ने आमरण उपवास किया। उनकी मौत के बाद सार्वजनिक दुहाई और नागरिक अशांति ने सरकार को मजबूर किया कि तेलुगू भाषी लोगों के लिए एक नए राज्य के गठन की घोषणा करें.1 अक्टूबर 1953 को आंध्र ने कर्नूल को अपनी राजधानी के साथ राज्य का दर्जा पाया।

 

1 नवम्बर 1956 को आंध्र प्रदेश राज्य के निर्माण के लिए आंध्र राज्य का विलय हैदराबाद राज्य के तेलंगाना प्रांत से किया गया। हैदराबाद राज्य की विगत राजधानी हैदराबाद को नए राज्य आंध्र प्रदेश की राजधानी बनाया गया, आंध्र प्रदेश का देश की राजनीती में विशेष स्थान आंध्र प्रदेश की लोक सभा की सीटों के कारण है।

 

आंध्र प्रदेश का पहनावा

आंध्र प्रदेश का पहनावा या यू कहे की आंध्र प्रदेश के निवासियों का पहनावा, यहाँ का पहनावा अपने आप में एक खास पहचान बनाये हुए है, ज्यादतर लोगो ने इस खास पहनावे को साउथ की फिल्मो में भी देखा होगा, इस खास पहनावे में शर्ट होती है और गोटेदार लुंगी या धोती होती है, विशेष अवसरों पर इस लुंगी या धोती को पूरा पहना जाता है और कंधे पर एक अन्य छोटी धोती को तह बना कर रखा जाता है, माथे पर चंदन या रोली का तिलक लगाया जाता है, यहाँ के विशेष पहनावे में पुरुष यही पहनते है और महिलाये हलकी गोटेदार साड़ी माथे पर हल्दी कुमकुम और मांग बेनी लगाती है, कमर में एक कमर बंध भी महिलाओ के पहनावे का हिस्सा है, इस विशेष पहनावे को हम सभी ने साउथ की फिल्मो में देखा होगा, ज्यादातर ये पेहवा शादी या अन्य विशेष उत्सवों में देखने को मिलता है।

 

आंध्र प्रदेश की नई राजधानी

अभी आंध्र प्रदेश की नई राजधानी का प्रस्ताव पारित हुआ है, और इसका शिलान्यास माननीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है, नयी राजधानी अमरावती है, लेकि जबतक आंध्र प्रदेश की नयी राजधानी अमरावती में सचिवालय और अन्य सरकारी कार्यालयों का निर्माण नहीं हो जाता तब तक हैदराबाद ही आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त राजधानी बी रहेगी, वैसे तो हैदराबाद के आंध्र प्रदेश के राजधानी बने रहने का प्रस्ताव अगले १० साल तक का है, परंतु जैसे ही कुछ मुख्य मुख्य सरकारी कार्यालय बन कर तैयार होते जायेगे वैसे वैसे ही उन कार्यालयों को हैदराबाद से आंध्र प्रदेश की नयी राजधानी में स्थान्तरित कर दिया जायेगा।

 

आंध्र प्रदेश का भोजन

अधर प्रदेश एक समुद्र तटीय राज्य है, तो यहाँ के भोजन में समुदी जीवो का समावेश सामान्य बात है, किन्तु आंध्र प्रदेश का शाकाहारी भोजन भी अपने आप में एक अनूठा भोजन है, इसमें कई प्रकार के व्यंजन होते है, कई मिठाईया, चटनी और पकवान होते है, मूल रूप से यहाँ के भोजन में चावल होता है, सांभर होता है, खीर दही, नारियल की बर्फी, बेसन का लड्डू, खोये की मिठाई, नारियल, मिर्च और अन्य चटनिया जो की स्वाद को और बढाती है, मांस हरी भोजन में चावल के स्थान पर मछली या अन्य जीव जानती का मांस होता है, बाकी सब वैसा ही होता है जैसा शाकाहारी भोजन में होता है, ये सब भोजन केले के पत्ते पर दिया जाता है, और भोजन के उपरांत केले खाने का प्रचलन है।

 

आंध्र प्रदेश की भाषा

आंध्र प्रदेश की भाषा का अपने आप में एक विशिस्ट साथ है, यहाँ के निर्वाही अपनी मूल भाषा में बात करने में गर्व का अनुभव करते है, आधिकारिक तौर पर यहाँ की भाषा तेलुगु है, और यहाँ पर तेलुगु भाषी लोगो का ही वर्चस्व है, ज्यादातर लोग अपने दैनिक जीवन में तेलुगु भाषा का ही पयोग करते है, परंतु यह पर पर्यटको ने आवगमन के कारन यहाँ के लोगो को हिंदी, मराठी, तमिल, अंग्रेजी, कन्नड़, ओड़िया और अन्य भाषाओ का प्रचलन शुरू हो गया, पर अगर आधिकारिक तौर पर प्रयोग की जाने वाली आंध्र प्रदेश की भाषा की बात हो तो वो सिर्फ तेलुगु ही है,

 

आन्ध्र प्रदेश दर्शनीय स्थल

आंध्र प्रदेश के दर्शनीय स्थलों में या पर्यटन स्थलों में सबसे पहले नाम आता है यहाँ के समुद्र तट का जो की बंगाल की खाड़ी में है, यह श्रीकाकुलम से नेल्लोर जिले तक है, यहाँ पर प्राकृतिक समुद्र तट है जिसका आप भरपूर आनंद ले सकते है।

आंध्र प्रदेश में बहुत सी ऐसी गुफाये है जो अपनेको प्रकृति के उस रूप से मिला देंगी जिसे अपने कभी नहीं देखा है, यहाँ की बोर्रा गुफा जो की आंध्र प्रदेश के पूर्वी घाट के विशाखापट्नम जिले के अनाथागिरी पर्वत श्रृंखला में है ये करोडो वर्ष पुराणी गुफाये है, इसके बाद कुरनूल जिले में बेलम की गुफाये है, इनका भी आंध्र प्रदेश के पर्यटन स्थलो में अपना एक अलग महत्त्व है। है

 

आंध्र प्रदेश के पर्यटन स्थलों में पक्षी विहार और अभ्यारण्य है जो की आपको प्राकृत है, इनमे से कृष्णा वन्यजीव अभयारण्य, नागार्जुन सागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व, कंबलाकोंडा वन्यजीव अभयारण्य, श्री वेंकटेश्वर प्राणी उद्यान, इंदिरा गांधी प्राणी उद्यान आदि अटपका पक्षी अभयारण्य, नेलापट्टू पक्षी अभयारण्य और पुलिकट झील पक्षी अभयारण्य है। है

और अगर हम धार्मिक दर्शनीय स्थलों की बात करे तो आंध्र प्रदेश में बहुत से धार्मिक पर्यत स्थल भी है जिनमे से प्रमुख है चितूर जिले में तिरुमाला मंदिर, विशाखापत्तनम जिले में सिंहाचलम मंदिर, पूर्वी गोदावरी जिले के अन्नवरम मंदिर, पश्चिमी गोदावरी जिले के द्वारका तिरुमाला, कुरनूल जिले, विजयवाड़ा के कनक दुर्गा मंदिर, नरसरावपेट में कोटाप्पाकोंदा, अमरावती, श्रीकालहस्ती मंदिर में श्रीशैलम मंदिर, इस प्रकार हम ये कह सकते है की आंध्र प्रदेश में पर्यटको के लिए असीमित दर्शनीय स्थल है।

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